६ घरेलू उपाय जिनसे पाचन क्रिया सुधारे


पाचन क्रिया कमजोर क्यू हो रही है? 

समय के साथ बिगड़ते खान-पान, स्ट्रेस लेवल, कम नींद व न के बराबर व्यायाम करने के ही प्रतिफल स्वरूप हमें  कमज़ोर पाचन तंत्र की शिकायत होती है। एक स्वस्त जीवन जीने के लिए अच्छे आहार के साथ साथ एक अछि जीवन शैली भी बनाए रखने की अवशकता होती है। आजकल की स्ट्रेस भरी जीवन शैली हमारे खाने के समय को कम कर शरीर में पोषक तत्वों की कमी कर देती है। साथ ही रोजाना व्यायाम कर एक अछि नींद लेने का भी समय निरंतर कम होता जा रहा है। 


पाचन क्रिया कमजोर क्यू हो रही है?


छोटी सी उम्र से ही बच्चे रात को देर से सोने और सुभे देर में उठने का टाइम टेबल बना लेते है, जिससे उनके दिमाग का विकास पूर्ण रूप से नहीं होता है और वे धीमी गति से बढ़ते है। बच्चों के अलावा एक उम्र के बाद पाचन क्रिया कमजोर होने लगती है जो आहार में आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ खाना ही पसंद करते है। इसी समस्या को बढ़ते बच्चों में, कॉलेज के विधयार्थी एवं बड़े उम्र के लोगों में भी देखा जाता है। 

इसके साथ ही अस्वास्थ्यकर भोजन, ट्रांस फैट युक्त खाना व अत्यंत मीठे व्यंजओ के सेवन में भी बढ़ोतरी हुई है, जिससे पाचन क्रिया कमजोर हुई है। बढ़ते बाहरी भोजन के चलते लोग घर के बने सादे, स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजनों को छोड़ चिप्स, चॉकलेट, पिज्जा व बर्गर जैसी चीज़े खाना जादा पसंद करते है जो शरीर में बहुत देर में पचते है और पाचन तंत्र को भी हानी पहुचाते है। 


जीवन शैली में क्या बदलाव लाए? 

पाचन क्रिया तभी मजबूत हो सकती है जब आप आपने खाने के साथ साथ अपने दैनिक दिनचर्या में भी सुधार लाए और एक स्वस्त जीवन शैली का पालन करे। इस बदलाव में द्रड़ निश्चय और अनुशासन का होना बहुत जरूरी है जो हमारे पाचन तंत्र में सुधार व उसे मज़बूत करने के लिए आवश्यक है। तो सबसे पहले हमे , 


जीवन शैली में क्या बदलाव लाए?


आहार : सबसे पहले अपने खाने का नियम बनाना बहुत जरूरी है, जिसमे खाने के सभी चीजों को सही मात्रा में अपने आहार में शामिल करे। इसके साथ ही सभी फूड ग्रुप्स को अपने आहार में लेना एक संतुलित आहार का उदाहरण है। पाचन तंत्र को मजबूती पौष्टिक आहार एवं मौसमी उत्पाद करते है जिसका सेवन भरपूर मात्रा में किया जाना चाहिए। 

नियमित व्यायाम : एक स्वस्त एवं खुशाल जीवन में सही आहार के साथ साथ नियमित व्यायाम करना भी अतिआवश्यक है। व्यायाम न केवल शरीर को चुस्त, दुरुस्त व शक्ति प्रदान करता है। सही तरह से व्यायाम करने से शरीर की क्रियाएं जैसे पाचन क्रिया भी मजबूत होती है जिससे इम्यूनिटी बढ़ेगी और रोग बीमारियों की शिकायत भी कम हो जाती है। 

हाइड्रैशन : जल ह जीवन है तो आपने बहुत सुन होगा, जिसका सीधा सीधा मतलब है जल हमारे जीवन के लिए अतिआवश्यक है। जल का सेवन गर्मियों में हम दिन में कई बार करते है, लेकिन सर्दियों में पानी कम पिया जाता है जिससे डीहाइड्रैशन की समस्या आ जाती है। इसलिए किसी भी मौसम में एक नियमित मात्रा में पानी पीने जरूरी हो जाती है, जिसमे सर्दियों में २-३ लिटर व गर्मियों में ३-३.५ लीटर तक पानी पिन अनिवार्य होता हिय। 

सोने का तरीका : इन सभी नियमों के साथ आराम करने का भी समय निकालना आवश्यक है। आजकल की बिजी लाइफ सोने के समय को कम करती जा रही है, जिससे सोने के समय में कटौती हो रही है। इस समस्या को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। सोने से न केवल शरीर को आराम मिलता है बल्कि बाकी क्रियों को भी काम करने में आसानी होती है और ऊर्जा की लागत भी जरूरी क्रियाओं में केंद्रित होजाती है। 

फल व सब्जियों का सेवन : वैसे तो सभी तरह के फल व सब्जियों का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन खासकर मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता यही। खासकर पाचन क्रिया को सुधारने में अक्सर फ़ाइबर की ही सहायता ली जाती है। फलों का सेवन पाचन में सहायता करता है जबकि हरी सब्जियां हमारे शरीर में पाए हेल्थी बैक्टीरीअ को पोषण प्रदान कर पाचन तंत्र को मजबूत करता है। 

समय पर खाना : आहार को पौष्टिक बनाने के साथ ही एक सही समय पर खाना खा लेना भी जरूरी है। जैसे की हम जानते है सुबह के समय उचित मात्रा में भोजन कर लेने से पूरे दिन ऊर्जा में वृद्धि देखने को मिलती है, वैसे ही उचित समय पर भोजन ग्रहण करने से खाने को पचने का समय मिल जाता है जो हमारे शरीर को जरूरी पोषण पहुचाने व वजन को नियंत्रण में रखने में सहायक होता है। 


घरेलू उपाय कर पाचन क्रिया मजबूत करे 

पाचन तंत्र को सुधारणा व स्वस्त बनाए रखने के लिए दवाई का इस्तेमाल भी क्या जाता हिय। अक्सर इन्ही दवाइयों के सेवन से कई लोग साइड एफेक्ट्स का शिकार भी होते है। इससे बचने के लिए घरेलू उपाय एक अछा व फायदेमंद विकल्प माना गया है। घरेलू उपाय उन सभी समग्रियों को इस्तेमाल करता है जो हमारे किचन में उपलब्द होते है और जिनमें किसी प्रकार का कोई साइड एफ़ेक्ट नहीं होता। इन किचन सामग्रियों में प्रचुर मात्रा में पोषण व औषदीय गुण होने के कारण ही इन्हे घरेलू उपाय कहा जाता है। 

१. भुना जीरा : 

भुना जीरा


जीरा आमतौर पर हर किसी के घर मिल जाता है जो की भारतीय व्यंजनों में खूब इस्तेमाल किया है। जीरा कई पोषक तत्वों से पूर्ण है जिसमे एंटी ऑक्सिडनट्स, एंटी इन्फ्लैमटोरी, विटामिंस, मिनेरल्स जैसे जिंक, मैग्नीज़ीअम और फास्फरस शामिल है। इसके साथ ही जीरा फ़ाइबर से भरपर है जो गैस, अपच व पाचन क्रिया को सरल बनाने में भी सहायता करते है। 

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२. अजवाइन का सेवन : 

अजवाइन का सेवन


अजवाइन एक बहुत प्रसिद्ध मसाला माना गया है जो स्वाद, पोषण व आजमें को ठीक करने के लिए बहुत उयोगी है। किसी भी भारतीय के घर आपको अजवाइन, जीरा, आउनफ जैसी चीज़े बहुत आसानी से प्राप्त हो जाएगी। अजवाइन खाने में थोड़ा तीखा और कसैला होता है जिससे पाचन क्रियाओं को सहायता एवं मजबूती मिलती है। साथ ही पाचन की क्रिया को सरल बना खाने को जल्दी हजम करते है। 

३. ईसबगोल : 

ईसबगोल


ईसबगोल या भूसी एक प्रकार की कॉनकेन्टरटेड फ़ाइबर है जो अपच होने से बचाती है। ईसबगोल में कई एंटी ऑक्सिडनट्स और क्रूड फ़ाइबर (आघूलनशील फ़ाइबर) और मिनेरल्स होते है, जो खास कर कब्ज व अन्य दूसरे प्रकार की पाचन समस्याओं को दूर करते है। ईसबगोल पूरी तरह से जैविक है और इसे बिना किसी साइड एफ़ेक्ट के रोज खाने के बाद खाया जा सकता है। अगर इसे खाने में कठिनाई हो तो आप इसे पनि में मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते है। 

४. सौंफ का पानी : 

सौंफ का पानी


सौंफ भी अपने आप में एक बहुत प्रसिद्ध खड़े मसलों में से एक है। इसका इस्तेमाल न केवल खाने में बल्कि मिट्ठाई व दूध से बनी ड्रिंक्स में भी किया जाता है। खाने में मीठी व ताज़गी भरी सौंफ एंटी आक्सिडन्ट युक्त है जिसमे प्रचुर मात्रा में फ़ाइबर व जिनके पाया गया है, जो वजन कम करने व पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायता प्रदान करता है। सौंफ का भी रोजाना इस्तेमाल किया जा सकता है जिसके मीठे और ताज़गी भरे स्वाद को खाने के बाद मुकवास के रूप में भी खाया जा सकता है। 

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५. सौंठ या अदरक : 

सौंठ या अदरक


सौंठ सरल भाषा में अदरक के पाउडर को ही कहा जाता है। अदरक हमारे किचन में मौजूद सबसे पौष्टिक एवं सेहतमंद मसलों में से एक है। अदरक का इस्तेमाल हम खाने में, चाय व किसी भी जादा तेल या मसाले वाले व्यंजन में करते है जिससे उसस व्यंजन की पाचन क्रिया जल्दी हो सके। अदरक हमारे पेट की जलन को कम करने के साथ ही गैस, अपच और असिडिटी जैसी समस्याओं से भी बचाने में मदत करता है। किसी भी तेज मिर्च मसाले वाले भोजन में आप सौंठ डाल कर खा सकते है जिससे आपका हाजमा ठीक रहे। 

६. केला व पपीता : 

केला व पपीता


पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए अक्सर फलों व हरी सब्जियों का सेवन करना भी अनिवार्य होता है। खास कर उन फलों का जो उसी समय अपना असर दिखाना शुरू कर दें। केला और पपीता भी उन्ही फलों में आते है। केले में पटैसीअम, नैच्रल शुगर और जिंक की मात्र अधिक पाई जाती है जबकि पपीते में कई विटामिन पाए जाते है जो हमारे पाचन क्रिया को स्वस्त रखने का काम करते है। साथ ही इन फलों से मिले अन्य पोषक तत्व हमारे बालों, चेहरे व वजन नियंत्रित करने में भी बहुत लाभकारी है। 


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