सौंफ किसे कहते है ?
सौंफ या (Funnel seeds) भारत के प्रसिद्ध मसालों में से एक है जिसे भारतीय रसोई में सामान्यतः उपयोग किया जाता है। यह खाने में मीठा व ताज़गी देने वाला होता है जो मुख्य रूप से खाने के बाद मुकवास क तौर पर खाया जाता है। न केवल मुकवास परन्तु खड़े मासालों में से एक होने क कारण सौंफ को कई सब्जियों एवं बिरयानी बनाने हेतु भी इस्तेमाल किया जाता है।
सौंफ का उपयोग न केवल मिठाई इत्यादि में बल्कि सब्जी मे ,ग्रैवी या छौंक में, भरवा सब्जियों में, सभी तरह के आचार के मासालों में मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है। यह भारतीय भोजन में इस्तमल होने के साथ साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं।
सौंफ न केवल ताज़गी देता है अपितु इसके अनेक फायदे हमारे शरीर एवं पाचन के लिए भी लाभकारी है। सौंफ में प्रचुर मात्रा में विटामिंस, मिनेरल्स जेसे पटैसीअम, ऐन्टीआक्सिडन्ट और एंटीइन्फ्लैमटोरी प्रॉपर्टीस होती है जो हमारे पाचन, सांस की बदबू , ब्लड फ़्लो, हार्ट रेट, दांत एवं निखार के लिए लाभकारी है।
सौंफ किस प्रकार खाए ?
यू तो सौंफ खाने की कोई एक विधि नहीं है, घरों में अक्सर सौंफ को प्रयोग खाने में या खाने के बाद किया जाता है परन्तु इसके गुणों का सही तरह से लाभ तभी मिलेगा जब आप सौंफ को उसके सादे रूप में खाए। कई लोग सौंफ का इस्तेमाल स्वाद के लिए या खुशबू के लिए करते है, पर आजकल की जीवन शैली को देखते हुए बहुत से लोग सौंफ का इस्तेमाल वजन कम करने एवं गैस की समस्या को दूर करने हेतु करते है।
साइअन्टिफिक्ली देखा जाए तो सौंफ में पाए गए एंटीऑक्सिडनट्स, विटामिंस ओर जादातर मिनेरल्स अधिक हीट (अधिक तापमान) में नष्ट हो जाते है, जिसके कारण सभी गुण शरीर को प्राप्त नहीं हो पाते।
इसलिए सौंफ को उसके सादे रूप में खाना ही फायदेमंद एवं शरीर के लिए गुणकारी होता है।
अगर आप सौंफ को सादे रूप में खाना पसंद नहीं करते तो आप नीचे लिखे तरीकों से भी सौंफ का सेवन कर सकते है,
१. सौंफ का पानी: इस विधि में आप १-२ चमच सौंफ को एक कटोरी पानी में डालकर रातभर भिगोने रखदे और सुभे आप सौंफ का पानी खाली पेट पी सकते है व भीगे हुए सौंफ के बीज आप भोजन में डाल सकते है।
२. ठंडाई: अगर आप सौंफ का पानी पीने के इच्छुक न हो तो, सौंफ को मिक्सर ग्राइन्डर में पीस कर उसे दूध में डाले और ठंडाई के रूप में भी आनंद ले सकते है।
३. सौंफ की चाय: इसे बनाने के लिए आप सबसे पहले पानी उबाल कर एक कप में निकाल ले और उसमे १ चमच सौंफ डाले ओर उसे ३-४ मिनट तक मिलाए और सुबह सुबह खाली पेट पिए।
४. सौंफ का काढ़ा: जिन लोगों को गैस एवं असिडिटी की शिकायत होती है उनके लिए सौंफ का काढ़ा पीना अत्यंत लाभकारी होता है, खासकर सोने से पहले या सुबह उठकर अगर आप सौंफ का काढ़ा पिए तो आपकी पाचन क्रिया मजबूत होंगी
इन दिए गए तरीकों से आप सौंफ के ज्यादा से ज्यादा लाभ एवं गुणों को प्राप्त कर सकते है जो न सिर्फ गैस, पाचन बल्कि पूर्ण रूप से शरीर की बाकी समस्याओ को भी दूर करने में सहायता करता है।
कितनी मात्रा में सौंफ खाए ?
सौंफ का सेवन यू तो प्रतिदिन करना अत्यंत लाभकारी है लेकिन सही मात्रा में खाना एवं खाने में इस्तेमाल करना अत्यानतावश्यक है। सौंफ खाना आमतौर पर गुणकारी है परन्तु, कई स्तिथियों में इसका सेवन ध्यानपूर्वक किया जाना चाहिए। स्वस्त आदमी एक दिन में १-२ चमच सौंफ किसी भी रूप में खा सकता और रोजाना अपने खाने में भी इसका प्रयोग भरपूर कर सकता है।
परन्तु वृद्धावस्ता या एक उम्र क बाद सौंफ का उपयोग कम करना ही अनुकूल माना जाता है। यह इसलए किया जाता है ताकि सौंफ के अधिक उपयोग से शरीर में ऐलर्जी एवं रिएक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। सिर्फ उम्र ही नहीं गर्भावस्ता में भी माँ का खास खयाल रखना अतिआवशच्याक हो जाता है। इस दौरान कई अलर्जिक रिएक्शन या अपच होने की संभावनाए भी बढ़ जाती है।
कई बार कुछ दवाइयों के कारण भी लोग अक्सर सौंफ या कोई भी बीज खाना टालना पसंद करते है, और कई बार सौंफ मुकवास के तौर पर जादा खाने के कारण काफी लोग पेट गड़बड़ की समस्या का भी सामना करते है। क्युकी सौंफ की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसे सही मात्रा म खाना जरूरी होता है।
सौंफ खाने के कुछ फायदे
सौंफ की विशेषताए न केवल खाने में अपितु स्वस्त गुणों से भी भरपूर है। इन्ही फ़ायदों को पूर्णतः नीचे लिखे कथनों में समझाया गया है और सौंफ के भिन्न भिन्न फायदे भी लिखे गए है,
१. पोषण - सौंफ में पाए जाते है कई पोषक तत्व जो न सिर्फ शारीरिक ऊर्जा , मानसिक विकास बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता से भरपूर है। सौंफ में पाए जाते है प्रचुर मात्रा में फ़ाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रट , हेल्थी फैट , विटामिंस और मिनेरल्स। अच्छे मात्रा में रोज सौंफ का सेवन करने से जरूरी पोशाक तत्व जेसे विटामिन और मिन्रल की पूर्ति होती है और सवास्त अछा होता है।
२. पाचन - सौंफ पोषण के साथ साथ पाचन में भी बहुत मदत करता है। चाहे असिडिटी हो या अपच सौंफ के पोषक तत्व पेट में होने वाले ऐसिड उत्पादन को अत्यधिक बढ़ने से रोकता है और असिडिटी होने से रोक पाचन क्रिया में भी पूरा सहयोग करता है। सौंफ में पाए गए फ़ाइबर और विटामिंस से पाचन मजबूत होता है और साथ ही बाकी पोशाक तत्वों को शरीर तक पहुचाने का काम भी करता है।
३. त्वचा - हमारी त्वचा में अक्सर निखार की कमी, झुररिया एवं पिंपल्स की परेशानी बहुत देखि जाती है, जो सही खान-पान से भी ठीक नहीं होते। इसी समस्या के समाधान हेतु सौंफ का इस्तेमाल करना अवशच्याक होजाता है जो न केवल त्वचा को साफ बल्कि निखार देने में भी साहायक है। सौंफ का पानी रोज पीने से त्वचा में चमक और नरम भी हो जाती है।
४. मज़बूत हड्डियाँ - सौंफ में पाए जाने वाले मिनेरल्स जैसे पटैसीअम और कैल्सीअम खासतौर पर शारीरिक विकास और हड्डियों की मजबूती के लिए लाभकारी माने जाते है। सौंफ में मौजूद ये मिनेरल्स हड्डियों के रक्षण व संरक्षण में भी सहायक होता है। शरीर की हड्डियों के साथ साथ मुह के मसूड़े व दाँतों के भी संरक्षण का काम करता है।
५. हार्ट और बीपी - सौंफ में पाए गए एंटी ऑक्सिडनट्स और एंटी इन्फ्लैमटोरी प्रॉपर्टीस के चलते यह हार्ट की भी जादातर समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। न केवल हार्ट रेट, अपितु बीपी, शुगर और ब्लड फ़्लो का भी नियमित संरक्षण करने में सहयोग करता है। सौंफ में पाए जाने सोडीअम से शरीर में तरावट रहती है और पानी की कमी की परेशानी को भी दूर करता है।
६. गैस और असिडिटी - जैसे की हम जानते है सौंफ आमतौर पर गैस, असिडिटी आदि समस्या को दूर करने व हमारे पाचन क्रिया को मज़बूत करने में मदत करता है। सौंफ की तासीर ठंडी होने के कारण वह पेट में बढ़ते ऐसिड को शांत करता है और गैस, असिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है। इन सभी के साथ साथ सौंफ का सेवन पाचन में भी बहुत लाभदायी होता है।
७. माउथ फ्रेशनर - सौंफ का सबसे आम इस्तेमाल मुकवास या माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है। खासकर भारतीय व्यंजनों में, सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले मसालों में से एक सौंफ भी है, जो खाने में उपयोग होने के साथ साथ खाने के बाद भी मुकवास के तौर पर खाया जाता है। सौंफ मीठा होता है और ताज़गी देता है जिससे खाने के बाद इसे खाना पसंद किया जाता है।
८. वजन कम करना - सौंफ अपने आप में ही पाचन व पाचन क्रियाओं को सुधारने में सक्षम है, लेकिन सौंफ का पानी , दूध में बनी ठंडाई व सौंफ का काढ़ा जादा से जादा इखट्टा हुई चर्बी को कम करने में सहायक होता है। लोग अक्सर सुबह एक ग्लास सौंफ की चाय या पानी पीना पसंद करते है जो वजन कम करने व एंटी आक्सिडन्ट की मात्रा बढ़ाने के लिए काम आता है।
९. महिलाओं के लिए फायदेमंद - महिलाये अक्सर कील, मुहासे और बढ़ते हॉर्मोनल डिस्टर्बन्स को ठीक करने क लिए सौंफ का सेवन करती है, अथवा खाने में भी इसका प्रयोग भरपूर करती है। सौंफ की तासीर ठंडी होने के कारण मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल महिलाओं की मुश्किल दिनों की समस्या में भी दर्द कम करने व सूजन से राहत देने में उपयोग किया जाता है।
१०. रोगप्रतिरोधक क्षमता - आज कर पढ़ते प्रदूषण, खान-पान में गिरावट व केमिकल युक्त आहार से हमारा शरीर कमजोर, जल्दी बीमार पढ़ना अथवा स्वस्थ होने में समय लगना सब एक कमजोर रोगप्रतिरोधक क्षमता का प्रमाण देता है। सौंफ में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व जैसे विटामिन और मिनेरल होने के कारण वह हमारी इम्यूनिटी यानि रोगप्रतिरोधक क्षमता को सुधारने और मजबूत करने में बबही अपना योगदान देता है।