संतुलित आहार / Balanced Diet क्या होता है, फूड ग्रुप्स और उनका महत्व


क्या होता है संतुलित आहार? 

संतुलित आहार या  Balanced Diet उसे कहा जाता है जिस आहार में सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ अथवा उनकी सही मात्रा का निगमन शामिल हो। संतुलित आहार न केवल हमारे शरीर की अन्य समारोह के लिए जरूरी है बिलकी, सभी अंगों अथवा हड्डियों की मजूती, पोषण तत्व की आपूर्ति और रोजाना होने वाली प्रक्रियाओं के लिया भी बेहद जरूरी है। यू तो सभी खाद्य पदार्थ सेहतमंद व पौष्टिक होते है, लेकिन इनका इस्तेमाल सही मात्रा में करना भी उतना ही आवश्यक होता है। 

संतुलित आहार

कुल ५ प्रकार के पोषक तत्वों से संतुलित आहार का निर्माण होता है जिसमे, कार्बोहाइड्रट, प्रोटीन, फैट विटामिन, मिनेरल और पानी शामिल है। यह पाँचों पोषक तत्व अपने अपने कार्यों के लिए जाने जाते है। 

कार्बोहाइड्रट शरीर को ऊर्जा और तापमान बनाए रखने में सहयोग करता है।  प्रोटीन शरीर को ताकत, मजबूती, घाव भरने व अन्य गतिविधियों को बनाए रखने के लिए प्रयोग किया जाता है। फैट एक किस्म का ऊर्जा प्रदान करने वाला तत्व है, जो पहले शरीर के अंगों को दुर्घटना से बचाव व लिवर को पाचन मज़बूत करने में सहायक होता हिय। 

विटामिन और मिनेरल का काम हमारी त्वचा, आँखें, पाचन व छोटी ब्रेन सेल्स को पोषण देना होता है जो इन्हे सही तरह से काम करने में सहायता देता है। अंत में पानी का महत्व तो हमारे शरीर में सबसे जादा होता है जो हमारे शरीर में पोषक तत्व को बाकी हिस्सों में पहुचने अथवा शरीर के तापमान को संतुलित करने में मदत करते है। 


फूड ग्रुप्स 

सभी प्रकार के पोषक तत्व अलग अलग कार्यों में उपयोग किए जाते है जिसके चलते इनका स्रोत किसी एक प्रकार के खाद्य पदार्थ से नहीं बल्कि अनेक तरह के फल, सब्जी, अनाज, दाल, दूध, माँस और तेल से लिए जाते है। इन सभी खाने की चीजों का ही सही इस्तेमाल करना व उन्हे सही मात्रा में आओने रोजाना खाने में शामिल करने को ही संतुलित आहार का पालन करना कहते है। यह फूड ग्रुप्स कुछ इस प्रकार है, 

फूड ग्रुप्स


१. सबूत अनाज : अनाज की मुख्य भूमिका हमे ऊर्जा प्रदान करना, भूक को शांत करना और हमारे पाचन को मज़बूत करने का होता है। अनाज कई प्रकार के होते हिय और सभी राज्याओं में वहाँ के स्थानीय अनाज भी होंगे जो जादा पौष्टिक और आसानी से उपलब्ध होंगे। 

२. प्रोटीन : प्रोटीन के दो प्रकार है, एक जो हमे पौधों से मिलता है और दूसरा जो हमे जानवरों से मिलता हिय। दोनों ही प्रकार के प्रोटीन हमारे शरीर के लिए गुणकारी है और पोषण में वृद्धि लाते है। दाल, सूखे मेवे और बीज पौधों से मिलने वाले प्रोटीन तत्व है। अंडे, चिकन मीट, फिश और अन्य दूसरे मीट सभी जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन के प्रकार है जो खाने में पोषण बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाते है। 

३. फल एवं सब्जियाँ  : फल और सब्जियां कई प्रकार की होती है जिसमे अलग अलग किस्म की सब्जियां और विभिन्न रंगों के फल आते है। इन फलों और सब्जियों में कई विटामिन और मिनेरल पाए जाते है जो शरीर को इन्फेक्शन से बचाते है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है। 

४. दूध : दूध एक मात्र एसा खाद्य पदार्थ है जो जादातर पोषक तत्वों से पूर्ण माना जाता है, दूध को पूर्ण पोषण भी कहा जाता है। दूध व दूध से बने अन्य चीज़े जैसे, दही, घी, बटर, छाछ, चीज़ और पनीर प्रोटीन से भरपूर होती है, जो हमारे शरीर को ताकत, ऊर्जा और हाड़ियों को मजबूती देती है। 

५. हेल्थी फैट : हेल्थी फैट हमारे शरीर को सभी प्रकार की तेल वाली चीज़े, सूखे मेवे और घी या बटर जैसे खाद्य पदार्थों को भी शामिल करता है। मुख्य रूप से इसमे जैविक उत्पादन का इस्तेमाल जादा होता है जिसमे सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, राइस ब्रैन तेल और जैतून का तेल भी आते है। 


खाने में सभी फूड ग्रुप्स को कैसे शामिल करे? 


भारतीय खाने में जादातर फूड ग्रुप्स पहले से ही इस्तेमाल किए जाते है जीमे अनाज, दाल, फल, सब्जी, दूध व दूध से बने पकवान भी होते है। साथ ही भारतीय परंपरा रिफाइन्ड तेल का प्रयोग न करके सरसों, नारियल और मूंगफली का तेल इस्तेमाल करते है जो हमारे शरीर के लिए लाभकारी है। इसी प्रकार इनके सही मात्रा में इस्तेमाल करना भी क्षरूरी है, 

बैलेन्स्ड डाइइट मील्स


१. नाश्ता जरूर खाए : सुबह का नाश्ता करना बहुत जरूरी होता है। इसी नाश्ते से हमे पूरे दिन में काम करने की ऊर्जा मिलती है और शरीर में अन्य पौष्टिक तत्वों का भी उपयोग प्रारंभ होता है। सुबह नाश्ता न करने से हमे थकान, कमजोरी, आलस्य जैसी समस्याएं होती है। 

२. रोजाना फलों का सेवन : फल न केवल विटामिन एण्ड मिनेरल युक्त हिय बल्कि वे हमे तुरंत ऊर्जा का प्रवा भी प्रदान करते है। साथ ही इनमे पाए गए फ़ाइबर हमारे शरीर को स्वस्त एवं पाचन क्रिया को मज़बूत बनाने का काम भी करते हिय। 

३. सबूत दाल खाए : धुली दाल भी पोषण में कुछ कम नहीं लेकिन सबूत दाल अपने साथ जादा मात्रा में फ़ाइबर और मिनेरल लाती है जिससे शरीर में पोषण की कमी नहीं होती। साथ ही प्रोटीन युक्त दाल खाने में स्वादिष्ट होती है जो रोजाना किसी भी प्रकार खाए जा सकते है। 


४. सब्जी : सब्जियां भी कई प्रकार की होते है जिनमें से कुछ अत्यंत पौष्टिक और कुछ जादा कार्बोहाइड्रट वाली होती हिय। मतलब की हमे हरी सब्जियाँ अथवा मौसम में होने वाली सभी सब्जियों का सेवन करना चाहिए न की सिर्फ कुछ पसंदीदा सबजोयों का सेवन। 

५. दूध व अन्य पदार्थ : दूध पौष्टिक होने के साथ ही सभी मुख्य तत्वों से भी पूर्ण है जिसका सेवन अनुकूल मात्रा में रोजाना किया जा सकता है। दूध से बनी कई चीज़े जैसे दही, छाछ, घी, बटर, पनीर और चीज़ जैसे खाद्य पदार्थों का भी सेवन नियमित रूप से किया जा सकता है। 

६. कम तेल का इस्तेमाल : आजकल की कम फुर्ती व जादा मानसिक तनाव वाली ज़िंदगी में घी, बटर या जादा तेल का इस्तेमाल फायदे से जादा नुकसान दे सकता है। इसलिए तेल का प्रयोग उचित मात्रा में करना बहुत जरूरी है, जो पोषण के साथ ही कलेस्टरल बढ़ने का भी ध्यान रखे और वजन भी न बढ़ाए। 


७. पानी का नियमित सेवन : पानी किसी भी रूप में हो, शरीर की सबसे बड़ी अवशक्त होती है। पानी का सेवन हम गर्मी में तो अनुकूल करते ही है लेकिन सर्दियों में सही मात्रा में पानी का सेवन नहीं हो पता। इसलिए हम जूस, सूप, स्मूदी या नींबू पानी के रूप में भी जादा से जादा पानी का सेवन कर सकते है। 

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