कैसे होते है हृदय रोग?
भारत में खाने को लेकर बढ़ते अवेर्नेस के साथ ही रोग बीमारियों में बढ़त भी देखि जा रही है। कुछ साल पहले तक डाइअबीटीज़ जैसी बीमारी कुछ गिने चुने लोगों में देखि जाती थी लेकिन आज हर 7 में से 3 आदमी को डाइअबीटीज़ और बढ़ते वजन की शिकायत है।
इसी के साथ खान पान में गड़बड़ी के चलते काम उम्र में ही मोटापा, बीपी और हार्ट अटैक जैसी गंभीर दिक्कतें भी बढ़ती जा रही है। सर्वे की माने तो 40 साल से अधिक उम्र वाले 25% लोगों में हार्ट संबंधी समस्याएं पैदा होना शुरू हो जाती है और कुछ साल बाद हार्ट अटैक जैसी समस्या सामने आती है।
हमारा हार्ट शरीर को ब्लड प्युरीफाइ कर बाकी अन्य अंगों को खून पहुचने का काम करता है। हम ये भी जानते है की हम जो भी खाते है वह सब शरीर में टूट कर खून में मिल जाते है, जिसके बाद वह सारे पोषक तत्व खून से ही बाकी शरीर में पहुचाए जाते है। लेकिन अगर हमारा खाने पीने ठीक न हो तो कलेस्टरल, बीपी, उरीक ऐसिड जैसी समस्या का सामना भी हो जाता है।
किस प्रकार का खाना खाए हार्ट पैशन्ट?
यू तो किसी भी व्यक्ति को एक साधा, स्वच और पौष्टिक आहार ही लेना चाहिए और अपने आप को किसी भी तरह के स्नैक्स, फास्ट फूड और मैदे से बनी चीज़े से दूर रखना चाहिए। वैसे ही हार्ट पैशन्ट को एक लो फैट, हाई प्रोटीन और हाई फ़ाइबर डाइट लेनी चाहिए। इस तरह की डाइट आप अपने घर में बने नॉर्मल खाने से भी ले सकते है, जिसमे ताजी बनी सब्जियां, फल, कम तेल और कम मसलों का इस्तेमाल हुआ हो। अगर देखा जाए तो एक हार्ट पैशन्ट के खाने में यह 6 चीज़े शामिल होनी चाहिए,
- साबुत अनाज
- ताजे फल और सब्जियाँ
- 2 अंडे एक दिन में
- कम तेल
- कम फैट वाला दूध ( गाए का दूध )
- ड्राइ फ्रूइट्स और बीज
इसके साथ ही खाने का समय, उसकी मात्रा और खाने की गुणवत्ता बहुत जरूरी है। हम अक्सर खाने के गुणों को छोड़ उसके स्वाद को महत्व देते है। जिसके चलते हेल्थी खाने को छोड़ लोग जंक फूड खाना जादा पसंद करते है जो उनकी सेहत को खराब और पाचन को कमजोर बनाता है। इसलिए हार्ट पैशन्ट का खाना बहुत हेल्थी, कम तेल और मसलों के ही बनना चाहिए जिससे उनके हार्ट पर कम असर पड़े और शरीर को ताकत व फुर्ती प्रदान कर सके।
इसी के साथ पानी की मात्रा का भी विशेष ध्यान रखे जहा एक दिन में कम से कम 2-3 लिटर पानी पिनाज़रूरी है। पूरी तरह हाइड्रैशन से शरीर में टॉक्सिनस की कमी होती है जिससे इंफएक्टिओनस, खून के द्वारा वैस्ट और आक्सिजन सही तरह से शरीर में सर्क्यलैट हो पता है। शरीर को स्वस्त और तंडरुस्त रखने के लिए अच्छे खाने के साथ एक अछि जीवनशैली का होने भी बहुत जरूरी है।
इन 5 बातों का रखे खास खयाल
हार्ट हेल्थ एक बहुत ही गंभीर टॉपिक है जिसे सिर्फ खाने पीने में सुधार कर के ठीक नहीं किया जा सकता। हार्ट हेल्थ का सीधा संबंध एक अछि जीवन शैली, मानसिक और शरीरिक स्वास्थ और एक अछि नींद से भी संबंधित है। किसी भी हार्ट पैशन्ट को स्वस्त करने के लिए एक हेल्थी डाइट के साथ एक रूटीन फॉलो करने को भी कहा जाता है, जिससे हार्ट को उचित मात्रा में आक्सिजन मिल सके और स्वास्थ में तेजी से सुधार हो।
१. हेल्थी डाइट :
किसी भी हृदय रोगी को सबसे पहले एक अछि डाइट और खान-पान के लिए कहा जाता है जिसमे हर प्रकार की ताजी सब्जियाँ, फल और मोटा अनाज खाने को प्रोत्साहित किया जाता है। इसलिए एक्स्पर्ट्स द्वारा हार्ट पैशन्टस को एक हाई फ़ाइबर, हाई प्रोटीन और लो फैट डाइट रेकॉमेंड की जाती जिसके चलते उनकी हृदय संबंधी समस्या कुछ कम या नियंत्रण में आजाती है। एक डाइइट जिसमे प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, फ़ाइबर और विटामिंस मिनेरल्स हो।
२. फिज़िकल एक्सर्साइज़ :
खाने के साथ साथ शरीर की तंदरुस्ती भी बहुत जरूरी है। एक स्वस्त हृदये के लिए एक स्वस्त जीवनशैली का होना भी बेहद जरूरी है, जिससे शरीर में फुर्ती और ऊर्जा का प्रवा बढ़े। ऐसे ही हेल्थी लाइफस्टाइल की शुरुआत एक अछि डाइट के साथ रोजाना फिज़िकल एक्सर्साइज़ से भी करनी छाइए। फिज़िकल एक्सर्साइज़ हार्ट पैशन्टस के लिए अक्सर बहुत हल्की और थोड़ी ही रेकॉमेंड की जाती है लेकिन, रोज थोड़ा बहुत वॉकिंग और जॉगिंग करना हार्ट के लिए याचा माना गया है।
३. अछि नींद :
शरीर को फिज़िकल एक्सर्साइज़ से मिली फुर्ती और ताज़गी के साथ अपने शरीर को आराम देने का भी समय निशित करना चाहिए। आजकल की बिजी जीवनशैली में लोग अक्सर अपने सोने के समय पर ध्यान नहीं देते और देर में सोते है, जिससे हमारे शरीर को जरूरी आराम नहीं मिल पाता। कम सोने से दिन भर आलस, थकान और कम ऊर्जा का अनुभव होता है। इसके कारण हमारा दिन बहुत संघर्ष वाला हो जाता है, जिसे दूर करने के लिए एक नियमित सोने का समय तय करना अनिवार्य हो जाता है।
४. वजन नियंत्रण :
कई रोग बीमारियाँ अक्सर वजन बढ़ने और बढ़ते रहने से शरीर में हो जाती है जिससे अंत मे जा कर हार्ट अटैक की समस्या बन जाती है। वजन नियंत्रण आजकल हर उम्र के लोगों की चिंता है, जो एक बिगड़ते खान-पान और जीवनशैली की देन है। उपेर दिए गए सभी नियम लागू करने पर आप अपने आप ही अपने शरीर में ऊर्जा और तंदरुस्ती को देखने लगेंगे जिससे वजन कम व उसे नियंत्रित रखने में सहायता मिलती है। एक सही डाइट के साथ ही भरपूर पानी का सेवन भी हमारे स्वास्थ और वजन के लिया जरूरी है। नियमित रूप से शरीरिक परिश्रम, अछा खाना और अछि नींद हमारे वजन को कम करने में योगदान देंगी।
५. ड्राइ फ्रूइट्स और बीज :
हार्ट से जुड़ी जादातर समस्याएं कलेस्टरल या तेल वाले खाने को खाने से होती है, जिसका हमारे हार्ट पे सीधा असर पद्धत है। इसलिए एक्स्पर्ट्स एक हाई फ़ाइबर डाइट फॉलो करने को कहते है जिसमे प्रचुर मात्रा में में फ़ाइबर और प्रोटीन हो। इसे ही एक फ़ाइबर सोर्स ड्राइ फ्रूइट्स और बीज है, जिनमे फ़ाइबर के साथ साथ प्रोटीन और गुड फैट की मात्रा बबही अधिक है। इन्हे रोजाना खाने से कलेस्टरल का लेवल कम होता हिय और वजन कम करने में भी सहायता मिलती है। ड्राइ फ्रूइट्स और बीज को रोस्ट, भिगो कर या किसी अन्य भोजन में डाल कर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।