अंकुरित दाल या साधी दाल कौनसी है बेहतर?

क्या है अंकुरित दाल ?

अंकुरित दाल अक्सर एक पौष्टिक नष्ट या स्नैक्स के रूप में खाया जाता है, जिसे अन्य खानों में भी इस्तेमाल किया जाता है। सभी राज्यों का अपना अपना तरीका है अंकुरित डाल खाने और बनाने का लेकिन इनके इस्तेमाल का सिर्फ एक ही कारण है.. पोषण। 

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जैसा की हम जानते है आजकल सभी लोग अपने शरीर और स्वास्थ का खूब ध्यान रखते है और खासकर अपने प्रोटीन इंटेक का जो वजन कम करने और शरीर की ताकत को बनाए रखने में बहुत जरूरी भूमिका निभाता है। इसी प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए लोग अंडे मीट और अन्य प्रोटीन युक्त चीज़े खाना पसंद करते है लेकिन शाकाहारी लोगों के पास बहुत कम विकल्प बचते है। उनमें से एक अछा और स्वादिष्ट विकल्प अंकुरित दालों का है। 

अंकुरित डालें पोषण में सम्पन्न होने के साथ साथ शरीर को एक स्वादिष्ट, ताज़ा और फ़ाइबर युक्त खाना भी प्रदान करता है। अंकुरित दाल को कई प्रकार से बनाया व खाया जा सकता है जिसे सलाद के रूप में, चाट या खाने में रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। 

क्या है साधी दाल?


साधी दाल का उपयोग हमारे रोजाना खाने में अधिक देखा जाता है जिसे रोटी या चावल के साथ खाया जाता है। किसी भी वेजिटेरीअन घर में मूल रूप से प्रोटीन दाल या दाल से बनी चीजों से ही आता है और बाकी दूध या दूध से बनी चीजों से। 

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साधी दालें अंकुरित दलों से कई अधिक इस्तेमाल होती है और इन्हे विभिन्न तरीकों से अलग अलग राज्योंमें खाया व बनाया भी जाता जाता है। मूंग दाल का उपयोग पैशन्ट के लिए किया जाता है, राजमा, मसूर, काली दाल और अरहर की दाल हमारे खाने में लगभग रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीज़े है। 

साथ ही न केवल दाल लेकिन दाल से बनी अन्य चीज़े जैसे चना दाल का आटा, बेसन और अन्य सामग्री कई प्रसिद्ध और स्वादिष्ट खानों में इस्तेमाल की जाती है। ढोकला, बेसन चीला और फफड़ा जैसी मशहूर चीज़े दाल से ही बनती है।इसके अलावा नमकीन के सभी प्रकार भी दाल से बनने वाली चीजों में ही आती है। 

अंकुरित दाल या साधी दाल कौनसी है बेहतर?

यू तो दोनों ही तरह की दालों का सेवन करना हमारे शरीर और स्वास्थ के लिए लाभदायी है, लेकिन कई इसे लोग है जो उम्र, बीमारी या कमजोर पाचन के चलते किसी एक प्रकार की दाल का ही सेवन कर सकते है। साथ ही दोनों ही प्रकार की दलों में कुछ मूल विशेषताएँ है जो एक दूसरे से बहुत अलग है। आए इन्ही कुछ विशेषताओं और अंतर को विस्तार से पढ़ते है। 

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अंकुरित दाल :

जैसा की हम जानते है अंकुरित दाल को स्परऔटींग मेथड से बनाया जाता है जिसमे कुछ दिनों का समय लगता है। इस प्रकार की दाले पकाई या उबली नहीं जाती, इन्हे स्परऔत्स आने पर कच्चा ही खाया जाता है। यह सलाद खाने जैसे ही स्वाद देते है लेकिन इनमे नई स्परऔत्स का कड़वापन भी होता है। 

इनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, फ़ाइबर और विटामिंस पाए जाते है जो अक्सर आम दाल में कम देखा जाता है। साथ ही इसके कच्चे होने से कई किड्नी और लिवर पैशन्ट इसका सेवन नहीं कर सकते। या इसलिए होता हिय क्युकी इसमे पाए जाने वाले सभी पोषक तत्व हमरे शरीर को पचाने में समय लगता है और खासकर फ़ाइबर उपच भी कर सकता है। इसलिए हमे सिर्फ स्वस्त होने पे ही स्परऔत्स का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर को और ऊर्जा और पोषण मिले। 

साधी दाल :

अंकुरित दाल से विपरीत साधी दालों को कच्चा खाया नहीं जा सकता, इनकी पूर्ण रूप से पकना जरूरी होता है। जैसा की हमने देखा अकुरित दाल को खाने के लिए तय्यार होने में कुछ दिनों का समय लगता है जबकि हम साधारण दाल को पक कर कुछ ही मिनटों में खा सकते है। 

साधारण दाल कई प्रकार की होने के कारण हम हर उम्र और तरह के पैशन्ट या आम इंसान को दाल खिला सकते है। जैसे हम हार्ट व किड्नी पैशन्टस को मूंग दाल का सेवन करवा सकते है। बढ़ते बच्चों को छोले व राजमा खाने को दे सकते है, और प्रोटीन की आशा रखने वाले जिम और स्वास्थ प्रेमी लोगों को हम सोयाबीन का सेवन भी करवा सकते है। 

आस्पेक्टस अंकुरित दाल साधी दाल
प्रोटीन १०० ग्राम में ८-९ ग्राम प्रोटीन १०० ग्राम में ५-६ ग्राम प्रोटीन
फ़ाइबर १०० ग्राम में ६-७ ग्राम फ़ाइबर १०० ग्राम में २-३ ग्राम फ़ाइबर
पाचन पकी होने से आसानी से पचने वाली दाल कच्चा होने के कारण अपच होने की संभावना
एज ग्रुप सभी उम्र के लोग इस दाल का सेवन कर सकते है लिवर और किड्नी पैशन्ट अंकुरित दाल नहीं खा सकते
कुकिंग मेथड उबाला और पकाया जाता है इसे बिना पकाये कचा ही खाया जाता है
इम्यूनिटी सही मात्रा में लेने से यह इम्यूनिटी बढ़त है अधिक मात्रा में लेने से इम्यूनिटी घटाता है


निष्कर्ष 

दोनों अंकुरित और साधी दाल का सेवन करना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद और पौष्टिक है लेकिन दोनों ही दलों का सेवन करने का तरीका और मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। एक तरफ साधी डाल का सेवन सभी प्रकार के लोग अलग उम्र के लोग नियमित मात्रा में कर सकते है लेकिन अंकुरित दाल का सेवन सिर्फ कुछ ही स्वस्त लोग नियमित मात्रा में कर सकते है। 

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