नीम और तुलसी : किस मात्रा में खाए, कितने फायदे और किस तरह खाए


क्या नीम और तुलसी साथ खाए जा सकते है? 

नीम और तुलसी के पत्ते आपने आप में ही बहुत स्वस्थ एवं पौष्टिक होते है। इन्ही किसी भी प्रकार आपने रोजाना आहार में शामिल करने से कई प्रकार के पौष्टिक तत्व, विटामिन, मिनेरल और फ़ाइबर की पूर्ति होती है। इन दोनों पत्तों को साथ खाना शरीर के लिए बहुत हेल्थी और त्वचा के लिए भी बहुत उपयोगी हो सकता है। 


क्या नीम और तुलसी साथ खाए जा सकते है?


जैसे की हम जानते है नीम के पत्ते अक्सर किसी भी प्रकार की त्वचा संबंधी समस्या में उपयोग किए जाते है। चाहे वो पिम्पल, ऐलर्जी, रैशीज़ आदि की समस्या हो या किसी दवाई का साइड इफेक्ट, नीम के पत्तों में मौजूद एंटी इन्फ्लैमटोरी प्रॉपर्टी ही इसका निवारण करने में सहायता करती है। 

अगर बात की जाए तुलसी की तो तुलसी में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सिडनट्स और मिनेरल्स मौसमी सर्दी जुखाम एवं गले की जकड़न से छुटकारा दिलाते है। साथ ही तुलसी के पत्ते मुह को साफ एवं स्वस्थ बनाने में भी उपयोगी होते है, जिससे किसी प्रकार की दांतों की समस्या एवं दांतों में कीड़े लगने से भी बचाती है। 


कितनी मात्रा में नीम और तुलसी का सेवन करे ? 

यू तो सुबह सबसे पहले तुलसी या नीम के पत्ते खाना सेहत के लिया बहुत अछा माना जाता है लेकिन अगर आप अधिक मात्रा में पूरे दिन किसी न किसी रूप में इन पत्तों को खाए तो एउगेनोल (eugenol) तत्व की मात्रा बढ़ जाती है जो शरीर में टॉक्सिन पैदा कर सकता है और हमारे श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुचा सकता है। 


कितनी मात्रा में नीम और तुलसी का सेवन करे ?


इसलिए रोजाना नियमित सेवन ही शरीर को आवश्यक गुण तथा पोषण दे सकते है। आप चाहे तो किसी भी प्रकार से नीम व तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते है और इनका जूस निकाल कर भी पी सकते है। 

नीम और तुलसी की पत्तियों को रोजाना अपने खाने में शामिल करना फायदेमंद है लेकिन इसका फायदा तभी मिलेगा जब आप एक नियंत्रित मात्रा में इसका सेवन करे। रोजाना ३-४ तुलसी के पत्ते व ५-६ नीम के पत्ते खाना सुरक्षित एवं स्वस्थ माना गया है और खास कर सुबह खाली पेट इसका सेवन करना अत्यंत लाभकारी है। 


किस तरह खाए ? 


किस प्रकार सेवन  करे नीम और तुलसी का ?


नीम और तुलसी के पत्ते खाने के कई तरीके है जो हम आम तौर पर इस्तेमाल करते है। लेकिन कई लोग नीम की कड़वाहट और तुलसी सटम्मक (अस्ट्रिन्जन्ट) को खाना पसंद नहीं करते। खास कर नीम के स्वाद को कड़वा समझ इसे किसी भी रूप में खाना कठिन हो जाता है। इसलिए इसमे तुलसी के पत्ते मिलाकर कर तुलसी की हल्की मिठास भी शामिल हो जाती है जो किसी भी प्रकार के नीम व तुलसी से बने जूस एवं व्यंजन का सेवन करने में काम आती है। 

- साधारण रूप से नीम और तुलसी को आप साबुत ही चबा कर खा सकते है जिससे नीम व तुलसी के गुण थ्व प्रचुर मात्रा में फ़ाइबर का भी सेवन हो जाता है जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है। 

- दोनों पत्तियों का जूस निकाल कर पीना भी बहुत सेहतमंद होता है जिसमे अन्य खाद्य पदार्थ जैसे फल, दूध आदि को भी मिल सकते है। 

- उसी प्रकार से किसी स्मूदी या शेक में भी हम अन्य स्वादिष्ट एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ नीम व तुलसी को भी शामिल कर स्मूदी या शेक को और सेहतमंद और पौष्टिक बना सकते है। 

- इसके साथ ही आप घर में बनाए पौष्टिक सूप में भी नीम व तुलसी का रस मिल सकते है, या हरी पत्तियों को उबाल इनका सूप भी बना सकते है। 

इसी प्रकार अलग अलग तरीकों से आप इन पौष्टिक पत्तियों को अपने खान-पान में शामिल कर सकते है। साथ ही अगर आप नीम व तुलसी के स्वाद को पसंद न करते हो तो नीम और तुलसी के जूस में शहद डालकर भी पी सकते है। 


कितने फायदेमंद है नीम और तुलसी के पत्ते?

नीम और तुलसी को अलग अलग खाने के गुण तो अनेक है लेकिन इन्हे साथ खाने के भी कई फायदे है। कुछ लोग इनका सेवन त्वचा को सुंदर बनाने के लिए करते है तो कुछ लोग पाचन क्रिया मजबूत करने के लिए करते है। नीचे लिखे ऐसे ही कुछ और फायदे है जो रोजाना नीम और तुलसी के बीज खाने से मिल सकते है। 


कितने फायदेमंद है नीम और तुलसी के पत्ते?


१. डाइअबीटीज़ : ब्लड शुगर या डाइअबीटीज़ को कम करने व कंट्रोल करने में नीम व तुलसी के पत्ते बहुत काम आते है। इन पत्तों में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सिडनट्स और फ़ाइबर से डाइअबीटीज़ को कंट्रोल करने में मदत मिलती  है। 

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२. त्वचा : लड़कियों को अक्सर कई प्रकार की स्किन प्रॉब्लेम्स का सामना करना पड़ता है जिसमे, पिम्पलेस, कील, मुहासे आदि जैसी समस्याओं होती है। नीम व तुलसी के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्व त्वचा को साफ व सुंदर बनाने में बहुत मदत करते है और त्वचा की बाकी रक्षा होने वाले इंफएक्टिओनस से भी बखूबी करते है। 

३. ब्लड प्रेशर : बीपी और शुगर जैसी समस्या आजकल हर ५ मे से ३ लोगों को होती है जिसमे किसी भी उम्र के लोग देखने को मिलते है। नीम और तुलसी में पाए जाने वाले एंटी स्ट्रेस तत्व शरीर में बहते खून का फ़्लो आसान बनाता है जिससे ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से सहायता प्रदान करता है। 

४. वजन : नीम और तुलसी के पत्ते रोज खाने के साथ साथ एक पौष्टिक आहार का सेवन करने से भी व्यक्ति का पाचन मजबूत होता हिय साथ ही वजन नियंत्रण में रखने में भी सहायक होता है। नीम और तुलसी का जूस पीने से भी शरीर की सफाई (डीटाक्स) होती है जिससे वजन कम होता है। 

५. पाचन : नीम और तुलसी में पाए जाने वाले फ़ाइबर, विटामिन, मिनेरल और विटामिन सी जैसे तत्व शामिल है जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है और वजन भी कम होता है। नियमित रूप से नीम और तुलसी के पत्तों का सेवन करने से अपच, गैस और कब्ज़ जैसी समस्या भी दूर होती है। 

६. स्ट्रेस : आजकल हमारे जीवन में स्ट्रेस आदि समस्याएं भी बढ़ गई है जिससे कम उम्र में ही कई प्रकार के रोग और बीमारियाँ लग जाती है। बुरे खान-पान और जीवन शैली के कारण उन रोग बीमारियों से हमारा शरीर हमारी रक्षा करने में भी असमर्थ होजाता है। इसलिए नीम और तुलसी के पत्तों का सेवन करने आवश्यक है।  

७. एंटी इन्फ्लैमटोरी : इन पत्तों में पाए गए कई पोषक तत्वों में से एक एंटी इन्फ्लैमटोरी प्रॉपर्टी भी है, जो किसी भी प्रकार के मौसमी इन्फेक्शन, वायरस एवं बैक्टीरीअ से हमारे शरीर की रक्षा करते है। इसके साथ ही अंदरूनी इन्फेक्शन व घाव बनने से भी रोकता है। 

८. एंटी फंगगल तथा एंटी ऐजिंग : इसी के साथ नीम और तुलसी के पत्तों में एंटी फंगगल और एंटी ऐजिंग के भी गुण भरपूर पाए जाते है। एंटी फंगगल होने से नीम और तुलसी खा कर हम किसी भी त्वचा संबंधी इन्फेक्शन से बच सकते है, और एंटी ऐजिंग प्रॉपर्टी होने से यह त्वचा को सुंदर और जवान बनाए रखने में भी सहायक है। 

९. ओरल हेल्थ : नीम में मौजूद एंटी बैक्टिरीअल गुण हमारे मुह को साफ, कितनों रहित और ताज़गी देने का काम करते है। साथ ही तुलसी हमारे मसूड़ों को साफ एवं स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करती है। दोनों पत्तों का रोजाना सेवन मुह के स्वास्थ को बनाए रखने में मदत करता है। 

१०. इम्यूनिटी : आजकल की जीवन शैली को देखते हुए हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का मज़बूत होना बहुत जरूरी है। इम्यूनिटी मज़बूत होने से न केवल बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने व किसी चोट को जल्द से जल्द ठीक होने में भी सहायता मिलती है। 

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